Tuesday 21 March 2017

मोर दुवरिया अइहें ना

मइया भारती के संस्कार के पुजरिया
मोर दुवरिया अइहें ना ॥
करिहें देश रखवरिया ,
मोर दुवरिया अइहें ना ॥

सीमवाँ पर दीहें आपन जनवाँ लुटाई
हर घरी देश खातिर छतिया सजाई ।
उनुके से लउकत टह टह अंजोरिया 
मोर दुवारिया अइहें ना ॥ करिहें............

देश से गुलमिया के दीहने मेटाई
बिना गिनले आपन सिरवा कटाई
काँपत दुसमन देखी भगत के तेवरिया
मोर दुवरिया अइहें ना ॥ करिहें............

सुखदेव भगत सिंह राजगुरु भाई
भइलें अमर आपन आहुति चढ़ाई
देश खाति अरपित जवानन के उमिरिया
मोर दुवरिया अइहें ना ॥ करिहें............


·         जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 

Saturday 18 March 2017

सभै सुनाई होरी मे

हिन्दी हिन्दी उहो क़हत हौ
हिन्दी गाईं होरी मे ।
रटल रटावल घीसल पीटल
सभै सुनाई होरी मे ॥

पढ़ल उरुवा अनपढ़ मंत्री
इहो बताईं होरी मे ।  
लिख लोढ़ा पढ़ पाथर के हौ
भेंट कराईं होरी मे ॥

अंडे क फंडा सभ देखल
उहो नचाई होरी मे ।
इटली वाली पंचर सइकिल
कहाँ चलाईं होरी मे ॥ 

गूंगवा बोलल ढेर दिनन मे
फूल चढ़ाईं होरी मे ।
भरल तिजोरी देंवका चाटी
पचरा गाईं होरी मे ॥

उड़नखटोला फाटल कुरता
बात बनाई होरी मे ।
नेताजी के नव लखिया मे
तेल भराईं होरी मे ॥ 

मंदिर मंदिर माथा टेकस
पास कराईं होरी मे ।
ई वी एम मे सभ नीमन होखो  
लाज बचाईं होरी मे ॥
भांग घोंट के मातल काशी
ठेंग देखाई होरी मे ।
डराई डे बा थैली से ही
काम चलाईं होरी मे ॥

साँझ अवध के सुबहे बनारस
फेर बताईं होरी मे ।
खुने खून नवाबी नगरी
तहजीब सिखाईं होरी मे ॥

धरम जाति के फइलल जहर
उहो मेटाईं होरी मे ।
सभ केहु इहवाँ आपन बाटे
गरे लगाईं होरी मे ॥  



·         जयशंकर प्रसाद द्विवेदी