मइया भारती के संस्कार के
पुजरिया
मोर दुवरिया अइहें ना ॥
करिहें देश रखवरिया ,
मोर दुवरिया अइहें ना ॥
सीमवाँ पर दीहें आपन जनवाँ लुटाई
हर घरी देश खातिर छतिया सजाई ।
उनुके से लउकत टह टह अंजोरिया
मोर दुवारिया अइहें ना ॥
करिहें............
देश से गुलमिया के दीहने मेटाई
बिना गिनले आपन सिरवा कटाई
काँपत दुसमन देखी भगत के तेवरिया
मोर दुवरिया अइहें ना ॥
करिहें............
सुखदेव भगत सिंह राजगुरु भाई
भइलें अमर आपन आहुति चढ़ाई
देश खाति अरपित जवानन के उमिरिया
मोर दुवरिया अइहें ना ॥
करिहें............
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जयशंकर प्रसाद द्विवेदी