हेरत
फिरत सभे गाँव गली
केहो
उतारी, सिरे भुतवा
तब
चान क शान भयल जुतवा॥
साँचो
अभियान भयल जुतवा॥
पाछे
चलल पिछुवारे चलल
असों
त साहब दुवारे चलल
देखते
लोग बुझै एकर बुतवा।
साँचो
अभियान भयल जुतवा॥
फूटपाथे
से उठि के माले गयल
जेकरा के पड़ल ते मंत्री भयल
जग
जीतै के मंतर इहै मितवा।
साँचो
अभियान भयल जुतवा॥
सपा
में चलल बसपा में चलल
भाजपा
में चलै से कहाँ टलल
सपना
में देखाई चढ़ी चितवा।
साँचो
अभियान भयल जुतवा॥
सभा
में चलल संसद में चलल
बड़कवन
के बाटे बेसी मिलल
चुनउवा
में काटी इहो फितवा ।
साँचो
अभियान भयल जुतवा॥
सबही
के जगाईं जे ना जगल
केतना
के सुनाइल गरे परल
अब
रोजे गवाई एकर गीतवा
साँचो
अभियान भयल जुतवा॥
· जयशंकर
प्रसाद द्विवेदी