हाइकु

पठानकोट

विश्वासघात
कब तक सहोगे
बताओ अब ।

मंतब्य पूरा
रक्तरंजित माटी
दीख रही है ।

मरा गरीब
बेआंच युवराज
आखिर क्यों  ।

फँसती पेंच
कंहरते आदमी
लगी है आग ।

किसकी जांच
किसके लिए होगी
तरीका वही ।

कोसना बंद
मुहतोड़ जवाब
देश की इच्छा ।

आतंकवाद
एक ऑपरेशन
उनके घर ।

आतंकियों के
अटूट मंसूबों को
खत्म समझो ।

हुक्म सेना को
घुसपैठ से परे
सहर्ष दे दो ।

सवाल उठे
उठ लेने दो यार
समस्या खत्म ।

नितांत शांति
उसके बाद होगी
आवश्यक है ।

पठानकोट
फिर कभी नहीं
संभव होगा ।

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