हे ! नाग देवता पालागी !
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आस्तीन में पलिहा बढ़िहs
मनही मन परिभाषा गढ़िहs
कुछो जमइहा कबों
उखरिहा
गारी सीकमभर उचारिहs
हे ! नाग देवता पालागी !
हरदम तोसे नेह देवता
बसिहा एही गेह
देवता
नीको नेवर बुझिया
भलहीं
डसिहा एही देह
देवता
हे ! नाग देवता पालागी !
केकर मितई कइसे जानब
दुसमन के कइसे
पहिचानब
बिजुरी के
छूवब जे कबहूँ
तोसे बेसी फन हम तानब
हे ! नाग देवता पालागी !
छोछर कुल अभिमान
देवता
हेराइल सनमान देवता
अकडू से उकडूं तू भइलs
अइसन तू भगमान देवता
हे ! नाग देवता पालागी !
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जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
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