Sunday 7 August 2016

हे ! नाग देवता पालागी !




हे ! नाग देवता पालागी !
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आस्तीन में पलिहा  बढ़िहs   
मनही मन परिभाषा गढ़िहs    
कुछो जमइहा कबों उखरिहा 
गारी  सीकमभर  उचारिहs  
हे ! नाग देवता पालागी !

हरदम  तोसे नेह  देवता
बसिहा  एही  गेह  देवता
नीको नेवर बुझिया भलहीं
डसिहा  एही  देह  देवता
       हे ! नाग देवता पालागी !

केकर मितई  कइसे जानब
दुसमन के कइसे पहिचानब   
बिजुरी  के  छूवब जे कबहूँ
तोसे बेसी  फन हम तानब
       हे ! नाग देवता पालागी !

छोछर कुल अभिमान देवता
हेराइल   सनमान   देवता
अकडू से  उकडूं  तू भइलs
अइसन तू  भगमान  देवता  
       हे ! नाग देवता पालागी !



·         जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 

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