बड़ी मेहनत से बनेला ई शान बाबू
।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू
॥
कतहू न मिलिहन अइसन देश आ
समाज हो
नहीं पईबा कतहू अइसन मनई
खुसमिजाज हो
इहवें होला संस्कारन के विहान बाबू ।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू
॥
ज्ञान अ विज्ञान के जवान इहे देश हो
दुनिया मे सबसे महान इहे देश हो
होला इहवें से विकसित अरमान बाबू ।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू
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हर धरम – करम फुले अ फले इहवाँ
सनेहिया क गगरी मिलेला ढेर इहवाँ
एही से बेसी न मिलिहें सम्मान बाबू ।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू
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एही के सराहा खाली एकरे के सँवारा हो
बाउर खियाल नाही केकरो के गंवारा हो
करिहा देशवा नमन भूली अभिमान बाबू ॥
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू
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जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
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