Thursday 24 December 2015

जनि करिहा

बड़ी मेहनत से बनेला ई शान बाबू ।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू ॥

कतहू न मिलिहन अइसन देश आ समाज हो
नहीं पईबा कतहू अइसन मनई खुसमिजाज हो

इहवें होला संस्कारन के विहान बाबू ।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू ॥

ज्ञान अ विज्ञान के जवान इहे देश हो
दुनिया मे सबसे महान इहे देश हो

होला इहवें से विकसित अरमान बाबू ।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू ॥

हर धरम – करम फुले अ फले इहवाँ
सनेहिया क गगरी मिलेला ढेर इहवाँ

एही से बेसी न मिलिहें सम्मान बाबू ।
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू ॥

एही के सराहा खाली एकरे के सँवारा हो
बाउर खियाल नाही केकरो के गंवारा हो

करिहा देशवा नमन भूली अभिमान बाबू ॥
जनि करिहा इजतिया जिआन बाबू ॥




·         जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 

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