Monday 2 November 2015

लुगरी से मरजाद ढकाइल

अनकस लागे लगल रिवाज
करकस बाजन बिगड़ल साज
पटवन मे जमीन धराइल
लुगरी से मरजाद ढकाइल ।

खड़हर दुवारा टूटल खटिया
कोरउरो चाउर नहीं मयस्सर
बीपत भइल भूख मिटाइल
लुगरी से मरजाद ढकाइल ।

भकठल चाउर चिंगुरल मनई
दाल भइल पंछोंछर बा
धसल गाल हड़री छितिराइल
लुगरी से मरजाद ढकाइल ।

ढेर गाँवन के बा ई हाल
बच्चा बच्चा भइल बेहाल
साक्षारता के बात भुलाइल
लुगरी से मरजाद ढकाइल ।

कूल्ही चरित्तर महगी लिहलस
चकमक लवकत बकुली धईलस
नीक दिनन के बाट जोहाइल
लुगरी से मरजाद ढकाइल ।

  

·         जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 

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