!!
बुरा न मानो , होली है !!
लाली से बोले गोपाली कि कक्कड़ ने धमाल कर दिया ।।
फाड़ डाली झोली हमारी
कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥
मान मनौयल कर के भी बढ़ा न अपना मेल
सपना टूटा अध्यक्षी
का बिगड़ा सारा खेल
तेल की
सीसी टूटी , ये सारी किस्मत फूटी
चुभ गयी अँगुली
करारी, कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥
प्रसिद्धि अपनी हाथ मे ले बोला बड़े बड़े ही
बोल
सपने मे ही सही ,
किसी ने खोली मेरी पोल
होल मे फटा पटाका ,
तेरी तो साकी नाका
छूट गयी असली फ़रारी , कि क़क्कड़ ने
धमाल कर दिया ॥
ऐसा जगा ज्ञान ,जा खोला कैटरिंग
का काम
कुछ नहीं आया हाथ मे , नाम हुआ बदनाम
शाम को मारे हर कोई ,
सुबह दुलारे कोई
निकल गई सारी खुमारी , कि क़क्कड़ ने
धमाल कर दिया ॥
इस्क्वायर फिस्क्वायर खोला करके हील हवाला
इंटेक्स के करतूतों से निकला
मेरा दिवाला
प्याला कितने ही पीऊँ , कैसे हँस के
जीऊँ
हाथ आई फिर से वही थाली, कि क़क्कड़ ने
धमाल कर दिया ॥
थाईलैंड की हवा मे जाकर लगा विदेशी चस्का
खाया पीया हजम किया , लगा लगा के
मस्का
बोलो अब किधर को जाऊँ , कहाँ पे ठौर
बनाऊँ
छूट गयी अपनी दुआरी, कि क़क्कड़ ने
धमाल कर दिया॥
ऑनलाइन के तड़के से हुआ हाल बेहाल
किसने मारी मेढकी , किसने फेका जाल
तब खुली नीद हमारी , थी जो जान से पियारी
बंद हुई केतनी केवाड़ी , कि क़क्कड़ ने
धमाल कर दिया ॥
काम चलाऊँ सरकार के बचे हैं थोड़े दिन
दिल को और बढ़ाइए , सबको यही यकीन
यकीन तो बढ़ता जाए , जीसीए खूब छकाये
जीसीए की आई अरुड़ाई कि क़क्कड़ ने धमाल कर
दिया ॥
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जयशंकर प्रसाद द्विवेदी
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