Friday 6 March 2015

जी सी ये की होली !

!! बुरा न मानो , होली है !!

लाली से बोले गोपाली कि कक्कड़ ने धमाल कर दिया ।।
फाड़ डाली झोली हमारी कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥

मान मनौयल कर के भी बढ़ा न अपना मेल
सपना  टूटा  अध्यक्षी का बिगड़ा सारा खेल
तेल की  सीसी टूटी , ये सारी किस्मत फूटी
चुभ गयी अँगुली करारी,  कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥

प्रसिद्धि अपनी हाथ मे ले बोला बड़े बड़े ही बोल
सपने मे ही  सही , किसी ने खोली  मेरी पोल
होल मे फटा  पटाका , तेरी  तो  साकी नाका
छूट गयी असली फ़रारी , कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥

ऐसा जगा ज्ञान ,जा खोला कैटरिंग का काम
कुछ नहीं आया हाथ मे , नाम हुआ बदनाम
शाम को मारे हर कोई  ,  सुबह दुलारे कोई
निकल गई सारी खुमारी , कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥

इस्क्वायर फिस्क्वायर खोला करके हील हवाला
इंटेक्स के करतूतों  से  निकला मेरा  दिवाला
प्याला कितने ही पीऊँ , कैसे हँस के जीऊँ
हाथ आई फिर से वही थाली, कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥

थाईलैंड की हवा मे जाकर  लगा विदेशी चस्का
खाया पीया हजम किया , लगा लगा के मस्का
बोलो अब किधर को जाऊँ , कहाँ पे ठौर बनाऊँ
छूट गयी अपनी दुआरी, कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया॥

ऑनलाइन के तड़के से हुआ हाल बेहाल
किसने मारी मेढकी , किसने फेका जाल
तब खुली नीद हमारी , थी जो जान से पियारी
बंद हुई केतनी केवाड़ी , कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥

काम चलाऊँ  सरकार के बचे हैं थोड़े दिन
दिल को और बढ़ाइए , सबको यही  यकीन
यकीन तो बढ़ता जाए , जीसीए खूब छकाये  
जीसीए की आई अरुड़ाई कि क़क्कड़ ने धमाल कर दिया ॥


·         जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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