Friday 6 March 2015

कुरसी बदे !



अपना  देशवा  के हाल  का बताईं गुरू ।। 
एकरा रक्षा खातिर केकरा लग्गे जाई गुरू।।

उनका रहतब से अइसन ई आग लागल
मौत बेचे  खातिर  इंसान भइल  पागल
रोजे अपहरण मरन होला खाली कुरसी बदे ।

अइसन केतने खलिस्तानन के नाम हम गिनाई गुरू ।।

उनके बुलट प्रूफ जाकिट मुबारक भइल
उ  निरीहन के  लेकिन  संहारक भइल
उ रोजे वाद चलावेलन खाली कुरसी बदे ।

अइसन केतने कमीसनन के नाम हम बताई गुरू ॥

इहाँ  से इज्जत अ  नैतिकता  के साया उठल
रथ के पहिया से मंदिर मस्जिद के माया उठल
एकरो मे केतनियों के जान गइल खाली कुरसी बदे।

ओकरा जांच खातिर कवन आयोग बैठवाई गुरू ।।

उ  रोजे  विरोधी  बनावत  चलें
जोड़ तोड़ के गणित बैठवात चलें
रोजे कुकुर नियर लड़े खाली कुरसी बदे ।

अब नया  कवन  दल हम  बनवाईं गुरू ॥
एकरा रक्षा खातिर केकरा लग्गे जाई गुरू ॥


·         जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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